कालसर्प दोष क्या है ?
शेषनाग काल सर्प दोष किसी भी जातक के जीवन को बहुत ही कठिनाई भरा बना सकता है| यह दोष तब होता है जब सारे सातों ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं | जातक को मानसिक तनाव और असंतुष्टि का भाव बना रहता है | वे अपने जीवन में सफलता नहीं प्राप्त कर पाते और उनकी अपने परिवारजनों और अन्य प्रियजनों के साथ अनबन बानी रहती हैं | कालसर्प योग तब बनता है, जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच ग्रसित हो जाते हैं | राहु चंद्रमा का उत्तरी ध्रुव है और केतु चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव है |
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पूर्ण कालसर्प योग तब होता है जब किसी कुंडली में आधा हिस्सा ग्रहरहित होता है |
कालसर्प योग में सारे ग्रह राहु और केतु अक्ष पर आ जाते हैं |
पूर्ण कालसर्प योग तभी माना जाता है जबकि कुंडली में आधा हिस्सा ग्रह रहित हो |
कालसर्प योग ऐसा योग है जिससे किसी भी व्यक्ति के जीवन में तनाव आ जाता है |
जो व्यक्ति इस योग से पीड़ित हो उसके जीवन में कष्ट और समस्याएं आती रहती हैं |
इस दोष के आने से जातक की कुंडली के सभी अच्छे प्रभाव समाप्त हो जाते हैं |
यह बारहवां और आखरी कालसर्प दोष है | शेषनाग सांपों का राजा होता है |
शेषनाग के हजारों सर होते हैं और यह धरती को अपने सर पर बिठाता है |
हिन्दू धर्म के अनुसार यह भगवान विष्णु का वाहन भी है |
बाकी 11 कालसर्प दोषों की तरह,यह दोष भी जातक के जीवन में कष्ट लाता है |
शेषनाग काल सर्प दोष के कारण और परिणाम
राहु और केतु का अपेक्षित स्थान इस दोष को बनाने में महत्वपूर्ण भाग निभाते है। शेषनाग काल सर्प दोष के मामले में, राहु जन्म कुंडली के दसवें घर को नियंत्रित करता है जो किसी व्यक्ति के उपयोग और रोमांच का विवरण देता है और केतु छठे घर में है जो दुश्मनों का घर है। अन्य सभी लड़खड़ाते सातों ग्रह बारहवें से छठे घर में विराजमान होते हैं।
इस दोष से पीड़ित जातक को बहुत ही अनिश्चितता बनी रहती है। वह कभी-कभी अपने भीतर ही सामंजस्य नहीं पाता है।
जातक आम तौर पर महत्वपूर्ण परिस्थितियों से निपटने के दौरान असहज और असुरक्षित महसूस करता है।
जातक के शत्रु आम तौर पर उस पर हावी हो जाते हैं।
प्रतिकूल समय में कठोरता की कमी के कारण कानूनी डाव पेंचों में फसना इन जातकों की एक विशेषता है।
यह उसके किये हुए कार्यों के कारण है।
जातक व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन दोनों में कई समस्याएं झेलता है।
जातक का स्वास्थ्य भी चिंताजनक बना रहता है, व्यक्ति आमतौर पर आंख की बीमारियों से परेशान रहता है ।
जातकों को बहुत दर्द होता है।
वैवाहिक जीवन पर शेषनाग कालसर्प दोष का प्रभाव
- इस प्रकार के कालसर्प दोष का विवाह पर प्रभाव पड़ता है जिसके कारण कुछ लोगों के विवाह में देरी हो सकती है, जिसके कारण लोगों के जीवन में देर तक विवाह नहीं हो पाता है।
- यहाँ तक कि यदि इसका प्रभाव सघन हो तो व्यक्ति की शादी 41 साल की उम्र तक हो सकती है या ऐसे व्यक्ति का जीवन भर भी विवाह नहीं हो सकता है।
- कुछ अन्य व्यक्ति समय पर शादी कर सकते हैं लेकिन उनके विवाहित जीवन में कई तरह की समस्याएं बनी रहती हैं।
- जातक विवाहेतर संबंधों में पड़ सकते हैं, और उनके अंदर यह सोच घर कर सकती है कि उनके लिए यही बाहरी साथी, जीवन साथी के रूप में सबसे अच्छा विकल्प हैं, वे अपने पति या पत्नी से तलाक ले सकते हैं, और वे अपने प्रियतम से शादी कर सकते हैं।
शेषनाग काल सर्प दोष या योग चार्ट





