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क्या है कालसर्प दोष

क्या है कालसर्प दोष : काल का अर्थ है समय, सर्प का अर्थ है सांप और दोष का अर्थ है त्रुटि |

यह एक खतरनाक ज्योतिषी स्थिति है, जिससे किसी भी जातक के जीवन में दुर्भाग्य आ सकता है | राहु और केतु किसी जातक के पूर्व जन्मों के कर्मों को दर्शाता है | यदि सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित हों तो कालसर्प योग बनता है | यदि सारे ग्रह राहु की तरफ हो तो उसे कालसर्प दोष कहते हैं और यदि दूसरी ओर हो तो उसे कालसर्प योग कहते हैं | किसी जातक की कुंडली देखते वक्त यह जानना जरूरी है कि सारे ग्रह किस स्थिति पर हैं | इससे ही सही कालसर्प दोष की गणना की जा सकती है |

Read In English. Click Here. What is Kaal Sarp Dosh or Yog

कालसर्प दोष के प्रभाव

कालसर्प दोष से जातक का स्वास्थ्य, उसकी खुशियां और मन की शांति प्रभावित हो सकती है | यह दोष लगभग 40 साल तक रहता है और कुछ मामलों में यह उससे ज्यादा या पूरी जिंदगी भर के लिए भी रह सकता है |

इस दोष की समय सीमा , ग्रहों की स्थिति के अनुसार तय होती है|

और यही वजह है कि लोग कालसर्प दोष से भयभीत रहते हैं |

व्यक्ति के प्रगति में बाधाएं और समस्याएं आना इस दोष के परिणाम हैं |

कालसर्प दोष 12 प्रकार का होता है |

अनंत, कुलिक, वासुकि, शंखपाल, पद्म, महापद्म, तक्षक, कर्कोटक ,शंखनाद, घातक, विषधार और शेषनाग |

कालसर्प दोष के कुछ संभावित दुष्प्रभाव अप्रत्याशित जीवन और द्वेष पूर्ण जीवन है | साथ ही वंश वृद्धि में समस्या, वित्तीय तनाव, कठिन वैवाहिक जीवन, घातक बीमारियां, मानसिक व्यवधान और विकार  इस दोष के ही लक्षण है | कालसर्प दोष से प्रभावित लोगों के जीवन में झगड़े और तनाव बने रहते हैं | व्यक्ति अपनी कुंडली में लाभदायक ग्रहों की उपस्थिति से इस दोष के दुष्प्रभावों को अच्छे प्रभाव में भी बदल सकता है | क्या है कालसर्प दोष से ज्यादातर लोग बहुत चिंतित रहते हैं |

कुंडली में कालसर्प दोष होने से निम्न दुष्प्रभाव होते है

  • आवश्यक कार्य में बाधा
  • मन में अशांति
  • आत्मसम्मान और आत्मविश्वास में कमी
  • स्वास्थ्य में गिरावट और काम उम्र
  • धन हानि और गरीबी
  • व्यापार या नौकरी में समस्या
  • अप्रत्याशित तनाव
  • पारिवारिक समस्याएं
  • मित्रों और सहकर्मियों द्वारा धोखा
  • रिश्तेदारों और दोस्तों से कोई सहायता प्रदान नहीं होती है

हिंदू धर्म में काल मृत्यु का समानार्थी है और सर्प का अर्थ सांप है और जब यह दोनों शब्द एक साथ मिलते हैं तो किसी व्यक्ति की कुंडली में भयावह स्थिति पैदा कर देते हैं और व्यक्ति के लिए तनाव और समस्या का कारण बनते हैं |

क्या है कालसर्प दोष से बचने के लिए उपाय

  • कालसर्प योग होने पर व्यक्ति को निरंतर शिव मंदिर जाना चाहिए और मंदिर में अक्सर सोमवार को जाना चाहिए |
  • व्यक्ति को बाहरी खाना, मांसाहारी खाना और शराब से दूर रहना चाहिए |
  • उन्हें प्राणायाम या अन्य सांस लेने के व्यायाम आदि करने चाहिए |
  • यह भी कहा जाता है कि कालसर्प योग वाले व्यक्तियों को विवाह, गृह प्रवेश, तेरहवीं, पालना समारोह और अन्य ऐसे अवसरों पर खाना नहीं खाना चाहिए |
  • कालसर्प योग को सही वक्त पर जान लेना ही कालसर्प दोष के लिए और उसके नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए सबसे कारगर और सिद्ध तरीका है |
  • भगवान शिव जी की कृपा प्राप्त करना, कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्तियों के लिए कष्ट कम करने का साधन बन सकता है | इसलिए रुद्राभिषेक करना और विश्वास, निष्ठा और उत्साह के साथ महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करना जातकों के लिए लाभकर सिद्ध होता है | साथ ही सभी साधनाओं और योग साधनाओं काआत्मानुशासन के साथ अनुसरण करना चाहिए | यदि जातक इन दो इन दोनों का सही ढंग से अनुसरण करता है तो उसके जीवन में अत्यधिक सकारात्मक लाभ आ सकते हैं और वह कालसर्प दोष से उत्पन्न होने वाले नकारात्मक प्रभाव और समस्याओं को समाप्त कर सकता है |

By Govind Shastri

Acharya Govind shastri has an experience of 15+ years at trimbakeshwar to perform all type of trimbakeshwar pooja. Guruji is mainly famous for kaal sarp dosh nivaran puja for better result. Panditji are will educated, can talk in English, Hindi and Marathi. You can call guruji and ask for free kundali check so guruji can guide you about which puja tobe performed and how. Firstly, check best muhurat for respective puja then check booking of trains and hotel for stay with the help of panditji. Guruji will tell you what to wear during puja and what to carry with you. संपर्क 08600003956

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