पार्शियल काल सर्प दोष के असर, उपाय और निवारण

पार्शियल काल सर्प दोष के असर, उपाय और निवारण

पार्शियल काल सर्प दोष वह ज्योतिषीय स्थिति है जिससे किसी जातक के जीवन में कई बुरे प्रभाव आ सकते हैं |

कहा जाता है कि यह योग जातक के पिछले कर्म में किए गए बुरे कर्मों की वजह से होता है

कालसर्प दोष का प्रभाव किसी जातक पर लगभग 47 वर्ष तक या कुछ मामलों में इससे ज्यादा या कभी कभी पूरे जीवन भर रहता है |

यह अवधि कुंडली में ग्रहों की स्थिति के ऊपर निर्भर करती है |

Read About Partial Kaal Sarp Dosh Positive Effects, Remedies and Benefits in English

यदि राहु तीसरे छठे और ग्यारहवें घर में हो तो कालसर्प दोष के प्रभाव कम होते हैं और जल्दी समाप्त हो जाते हैं और यदि राहू पांचवें आठवें और बारहवें घर में हो तो इसके प्रभाव बने रहते हैं और दूरगामी होते हैं |

काल सर्प योग किसी जातक की जन्मकुंडली में एक नुकसानदेह ज्योतिषीय स्थिति है |

कालसर्प दोष तब उत्पन्न होता है जब कुंडली में सातों ग्रह, राहु और केतु के बीच आते हैं |

जब अच्छे ग्रह राहु और केतु के बीच ग्रसित हो जाते हैं तो उसे कालसर्प योग कहते हैं |

कोई अच्छा ज्योतिषी इस योग के बारे में अच्छे से बता सकता है |

कालसर्प योग दो तरह का होता है – चढ़ता हुआ और उतरता हुआ |

यदि सारे ग्रह राहु के मुंह में ग्रसित हों तो यह चढ़ता कालसर्प योग है और यदि सारे ग्रह राहु के अंत में हों तो यह उतरता हुआ कालसर्प योग होता है|

पार्शियल काल सर्प दोष के असर

यदि राहु और केतु के बीच ही सारे ग्रह हो तो कालसर्प योग बनता है |

यदि सूर्य या चंद्रमा राहु या केतु के साथ हों तो यह योग ज्यादा खतरनाक होता है |

पार्शियल काल सर्प योग तब होता है, जब राहु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ हों |

यह किसी अन्य कालसर्प योग से ज्यादा प्रभावशाली है |

किसी व्यक्ति के लिए जिकी कुंडली में कालसर्प योग हो उसे कालसर्प योग की शांति करवानी चाहिए |

आंशिक कालसर्प योग तब होता है, जब कुंडली में सारे 7 ग्रह राहु और केतु के बीच हों, लेकिन कुछ ग्रह राहु और केतु के अक्ष से बाहर हों |

आंशिक काल सर्प योग तब होता है यदि एक ग्रह भी राहु और केतु की अक्ष से बाहर हों और इस दोष का प्रभाव ज्यादा खतरनाक नहीं होता है |

पार्शियल कालसर्प दोष के प्रभाव कालसर्प योग के कारण जातक को हृदय, आंख और कान संबंधी बीमारियां होती हैं |

कई बार जातक को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है | जातक मानसिक रूप से पीड़ित रहता है |

आर्थिक स्थिति बुरी बनी रहती है |

जातक क़र्ज़ के तले डूबा रहता है और उससे उधार देने में कठिनाई आती है |

पार्शियल कालसर्प योग जब किसी जातक की कुंडली में होता है तो उसे आर्थिक तंगी व वैवाहिक जीवन में मानसिक कष्ट होता है |

उसको अपने काम के अनुसार पूर्ण लाभ नहीं मिलता | सफलता में देरी होती है |

पार्शियल कालसर्प दोष उपाय और निवारण

वित्तीय और सामजिक प्रतिष्ठा में अप्रत्याशित हानि, इस कालसर्प योग के प्रतीक है।

व्यक्ति ऐसी बीमारी से पीड़ित होता है, जिसे किसी भी दवा से ठीक नहीं किया जा सकता है।

यदि कोई व्यक्ति कालसर्प योग के उपायों का पूर्ण उपाय जानना चाहता है।

तो वह 8600003956 पर त्र्यंबकेश्वर के पंडित गोविन्द गुरूजी से संपर्क कर सकता है।

जातक त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प पूजा का आयोजन करवा सकता है ।

पंडित जी विभिन्न प्रकार के रत्न, मंत्र और यंत्र द्वारा कालसर्प योग के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में आपकी सहायता कर सकते हैं |

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